एकाकी जीवन ======== हे प्रभु, हृदय विद्रीण-विद्रीण जीवन छिन्न-भिन्न है स्वपन मेरे हुए विखंडित यथार्थ कठिन है करना व्यतीत प्रसन्नता को ग्रहण लागा नहीं है कोई अब मेरा साखा ये पथ अंत्यत संक्रिण है। हे प्रभु............ हृदय विद्रीण-विद्रीण जीवन छिन्न-भिन्न है। ......to be continued #ekaki jivan