philosopher and poet (English,Hindi and Urdu) तनहाई तो एक बहाना है इस बहाने खुद को आज़माना है लोग महफ़िल में कहकहे लगाते हैं आसूं हैं मेरे गीत, आंसू मेरा तराना है।
Qamar Abbas
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