सिखला दो न पापा ज़िन्दगी के गणित में मैं बहुत कच्चा हूँ, मुझे ज़िन्दगी का गणित सिखला दो न पापा। जोड़, घटाना, गुणा और भाग को, जीवन में लागू करना बतला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का .... किस रिश्ते में कितना मिलाना है, और किस रिश्ते में कितना घटाना है। व्यावहारिक जीवन में कितना अपनाना है, व्यवहार में लाना सिखला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का ... लोग सम्बन्धों के लिए तरसते हैं, आजकल सच्चे रिश्ते कौन रखते हैं। हर रिश्ते में मिलावट देख लिया पापा, अपने जैसा रिश्ता निभाना सिखला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का... गुणा-भाग और लाभ-हानि के चक्कर में, अपने रिश्ते सिमटते जा रहे हैं। खून के रिश्ते भी तो अब कहाँ निभ रहे हैं, उनको भी निःस्वार्थ प्रेम करना सिखला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का... यूँ तो फेसबुक और वाट्सएप की दुनिया में, किसी को किसी की जरूरत महसूस नहीं होती है। जीवन की खुशियाँ तो अपनों के संग बिताने में है, अपनों से भी घनिष्ठता करवा दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का... ©Shubham Anand Manmeet सिखला दो न पापा ज़िन्दगी के गणित में मैं बहुत कच्चा हूँ, मुझे ज़िन्दगी का गणित सिखला दो न पापा। जोड़, घटाना, गुणा और भाग को, जीवन में लागू करना बतला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का .... किस रिश्ते में कितना मिलाना है,