पिता और माता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। निस्वार्थ, अनंत एवं आजीवन प्रेम के जीवन में दो ही स्रोत हैं, माता और पिता।माता सामने से प्यार करती है। उसका वात्सल्य दिखता है।पर, पिता को परदे के पीछे रह कर सब करना पड़ता है। पिता एक ऐसा जीव है, जिसका दिल पीठ में होता है। पिता को दुनिया की सच्चाई पता होती है, वो कई कड़वे अनुभव से गुज़र चुका होता है, इसलिए वो अपने बच्चों को खरगोश ना बना,शेर बनने की ट्रेनिंग देता है।परन्तु, समाज और साहित्य ने पिता की भूमिका को गौण कर दिया है। पिता सूरज है जो जलते हुए प्रकाशित करता है। वो उस मोमबत्ती के समान है जो गलते हुए भी अपने संतान का भविष्य रौशन कर जाता है। पिता एक कुंठित प्राणी है, जो अपनी भावनाओं का इजहार नहीं कर सकता है।वो माता की तरह अपने प्रेम का इजहार तक नहीं कर सकता।वो ओलावृष्टि में मार खाते तिरपाल की तरह है, जिसके आवरण में हम तब तक सुरक्षित हैं, जब तक वो पूरी तरह नष्ट ना हो जाए। #father #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqquote #fathersday #yqtales