#keh_do_naa read full poem here!! जो तुम छुपके से देख मुझे मुस्कुराती हो और मेरे पलट के देखने पर शर्मा जाती हो यूँ रोज़ अपनी जुल्फे संवारते चाँद को देखने के बहाने छत पर आजाती हो