जब जब तेरी याद आती है थोड़ा सा में रो लेता हूँ, जब जब भारी होती हैं पलकें बंद करके उन्हें में सो लेता हूँ, जब जब सीने में दर्द होता है भरके जाम प्यालों में पी लेता हूँ, जब जब अकेलापन खाता है मुझे हंसी को होठों से में सी लेता हूँ, जब जब दूर में रहता हूँ तुझसे अल्फाजो के पूल में बून लेता हूँ, जब जब सूना लगता है जीवन उम्मीदों के चिराग में ढूंढ लेता हूँ, मरकर भी में हज़ारों दफा फिरभी ज़िन्दगी जी लेता हूँ फिरभी ज़िन्दगी जी लेता हूँ!! #yqdidi #yqhindi #yqhindipoetry #yqbaba #busyunhi #merealfaaz #betukibaatein #meaurmeritanhayi