शून्य में एक प्रकाश, नीला खुला आकाश , दो आपस में क्रीड़ा करते जुगनू के जोड़े, जीवन की महत्ता का सत्संग, अँधेरे को चिरती बरसाती रातों की बिजली, निहित द्वेष और शंका का मिश्रण, मूल्य की ख्याति को उत्साहित नरेश, आकार सबका ब्रह्मांड जितना होता है, तलहटी में छुपे गूढ़ रहस्य की तरह, सबकुछ शब्द में शब्द का संस्करण है। ✍महफूज़ शून्य में एक प्रकाश, नीला खुला आकाश , दो आपस में क्रीड़ा करते जुगनू के जोड़े, जीवन की महत्ता का सत्संग, अँधेरे को चिरती बरसाती रातों की बिजली, निहित द्वेष और शंका का मिश्रण, मूल्य की ख्याति को उत्साहित नरेश, आकार सबका ब्रह्मांड जितना होता है,