वतन की चिट्ठी में लिपट, मेरे देश की मिट्टी आई है, समझ रहा था जिसे अनपढ़ ,आज विश्व देता दुहाई हैं, भारतीय मनीषियों की बुद्धि शून्य की रचना कर गई, जो मात्र कल्पना में थी वो दशमलव प्रणाली रच गई, शुद्धता का रूप दे पाणिनी ने व्याकरण का ज्ञान दे गई, अस्त्र-शस्त्र विद्या और विज्ञान का तर्कसिद्ध कर गई, हजारों सालों पुराने वेदों में भारतव्यख्यान यही हो गई, सर्वप्रथम प्राचीन संस्कृत भाषा का अविष्कार भी यहीं, आयुर्वेद हो या योग इसका जन्मस्थान की भूमि भी यही, मिलता आपसी प्यार औऱ रिश्तों का सहयोग भी यही, नारी का मान सम्मान,स्वाभिमान व अभिमान भी यही। 🎀 Challenge-296 #collabwithकोराकाग़ज़ ❤ स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ❤ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।