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अरे.. दर दर की ठोकरे खायी थी उनको पाने के लिये.. स

अरे.. दर दर की ठोकरे खायी थी उनको पाने के लिये..
सावन, कावड़, नवरात्री और क्या नही किया था खुदा को मनाने के लिये..
मगर पता नही कहाँ कमी रह गयी हमारी मोहब्बत को मानने में..
कि बदनाम आशिक़ होकर रह गये जमाने में..!! #loveRP#
comments me apna margdarshan jarur de jisse me apni kamiyo ko dur kr sku
अरे.. दर दर की ठोकरे खायी थी उनको पाने के लिये..
सावन, कावड़, नवरात्री और क्या नही किया था खुदा को मनाने के लिये..
मगर पता नही कहाँ कमी रह गयी हमारी मोहब्बत को मानने में..
कि बदनाम आशिक़ होकर रह गये जमाने में..!! #loveRP#
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