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अब फूलों पे भवरें नहीं आते हैं, अब शमा पे परवाने न

अब फूलों पे भवरें नहीं आते हैं,
अब शमा पे परवाने नहीं आते हैं,
कोई मिलने नहीं आता है अब,
त्योहार अब बेमानी आते है|

अब पकवान बाजार से आते हैं,
अब मिठाई की जगह सब Dairy Milk खाते हैं,
कोई मिलने नहीं आता है अब,
घर अब विरान-बंजर नज़र आते हैं|

अब दोस्ती चार दिन में भूल जाते हैं,
अब इश्क़ झूठा फरमाते हैं, 
कोई मिलने नहीं आता है अब, 
रिश्ते अब स्वार्थ से निभाए जाते हैं|

अब ख़्वाब भी बेचे जाते हैं, 
अब पेशे में बस पैसे कमाए जाते हैं, 
कोई मिलने नहीं आता है अब, 
अकेलेपन में अब साल गुजर जाते हैं| किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है:
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे
और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है

अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है।

#कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
अब फूलों पे भवरें नहीं आते हैं,
अब शमा पे परवाने नहीं आते हैं,
कोई मिलने नहीं आता है अब,
त्योहार अब बेमानी आते है|

अब पकवान बाजार से आते हैं,
अब मिठाई की जगह सब Dairy Milk खाते हैं,
कोई मिलने नहीं आता है अब,
घर अब विरान-बंजर नज़र आते हैं|

अब दोस्ती चार दिन में भूल जाते हैं,
अब इश्क़ झूठा फरमाते हैं, 
कोई मिलने नहीं आता है अब, 
रिश्ते अब स्वार्थ से निभाए जाते हैं|

अब ख़्वाब भी बेचे जाते हैं, 
अब पेशे में बस पैसे कमाए जाते हैं, 
कोई मिलने नहीं आता है अब, 
अकेलेपन में अब साल गुजर जाते हैं| किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है:
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे
और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है

अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है।

#कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है: इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है। #कोईमिलनेनहींआता #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #इश्क़ #marchdiaries #vineetvicky #ufvoices