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मेरी हर धड़कन.. तुम कहाँ जानते हो मेरे अंदर की पीड़

मेरी हर धड़कन..

तुम कहाँ जानते हो
मेरे अंदर की पीड़ा को
तुम्हें तो मैं खुश नजर आती हूँ
तुम्हें तो मैं कठपुतली सी लगती हूँ
मेरा रुदन कहाँ तुम जान पाये हो
उतना निकट तुम मेरे नही आये हो
तुमसे नाता निभायेंगे तो कैसे निभायेंगे
भरे बाजार में क्या तुम मुझे अपनाओगे
लाज शरम की करती हूँ मैं रखवाली
संस्कार और सभ्यता की मैं हूँ प्याली
मोहब्बत तुमसे और तुमसे ही रहेगी
लेकर नाम तुम्हारा मेरी हर धड़कन पुकारेगी.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor
  #Chhavi मेरी हर धड़कन..

तुम कहाँ जानते हो
मेरे अंदर की पीड़ा को
तुम्हें तो मैं खुश नजर आती हूँ
तुम्हें तो मैं कठपुतली सी लगती हूँ
मेरा रुदन कहाँ तुम जान पाये हो
उतना निकट तुम मेरे नही आये हो

#Chhavi मेरी हर धड़कन.. तुम कहाँ जानते हो मेरे अंदर की पीड़ा को तुम्हें तो मैं खुश नजर आती हूँ तुम्हें तो मैं कठपुतली सी लगती हूँ मेरा रुदन कहाँ तुम जान पाये हो उतना निकट तुम मेरे नही आये हो #शायरी

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