डायरी लेखन में दो बातें आवश्यक होती है मनन एवं चिंतन। मनन मतलब अपने को आत्मा के रूप में देखने, समझने, अनुभव करने अपने जीवन के उद्देश्य का विचार करना, निरीक्षण करना, आत्मपरीक्षण करना चिंतन मतलब निरीक्षण के आधार पर हुई त्रुटियों में सुधार करनेके लिए एक सुनिश्चित रूपरेखा बनाना उसे क्रियान्वित करने का साहस एकत्रित करना, यूं तो डायरी लिखना बहुत सहज है लेकिन अगर ईमानदारी सेलिखी जाए तो कई बार कलम रुक जाती है। मैं तो डायरी अपने लिए लिखती हूं... चाहे तो देख ले मैं इसमें कैसी दिखती हूं... ©Sudha Tripathi #meriDiaryse डायरी लेखन में दो बातें आवश्यक होती है मनन एवं चिंतन। मनन मतलब अपने को आत्मा के रूप में देखने, समझने, अनुभव करने अपने जीवन के उद्देश्य का विचार करना, निरीक्षण करना, आत्मपरीक्षण करना चिंतन मतलब निरीक्षण के आधार पर हुई त्रुटियों में सुधार करने के लिए एक सुनिश्चित रूपरेखा बनाना उसे क्रियान्वित करने का साहस एकत्रित करना, यूं तो डायरी लिखना बहुत सहज है लेकिन अगर ईमानदारी से लिखी जाए तो कई बार कलम रुक जाती है। अभी तो डायरी अपने लिए लिखती हूं.... चाहे तो देख ले मैं इसमें कैसी दिखती हूं... RAVINANDAN Tiwari Internet Jockey Yogendra Nath Adhury Hayat Sadhana singh