संकट अर्थव्यवस्था की। आनेवाले वक्त में मित्रों, और भी संकट आएंगे। अर्थव्यवस्था की संकट से, शीघ्र उभर न पाएंगे। प्याज चढ़ेगी आसमान में, आलू सौ गुहराएंगे। लहसुन मिर्चा अदरक का जी, सुन दाम चौक जाएंगे। निर्धन जन साईकिल से या, पैदल आए जाएंगे। बस का भाड़ा टिकट किराया, सुनकर अश्क बहाएंगे। निजीकरण की मार से निर्धन, बिन मारे मर जाएंगे। उद्योगपति, पूंजीपति 'मन' जी, मिलकर मज़े उड़ाएंगे। सच बतलाओ मोदीजी, अच्छे दिन कब आएंगे। क्या इसी तरह से मोदीजी, अच्छे दिन ले आएंगे। #अर्थव्यवस्था #टांटक_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन #बेरोजगारी #निजीकरण_बंद_करो