शेर-ओ-ग़ज़ल-ओ नज़्मकारी का ये फ़न हमसे न पूछिये किस बात पर हुई अनबन हमसे न पूछिये पूछिये तो पूछिये सितमगर के सितम की इंतेहा ये गुल ए गुलज़ार क्यों है रौशन हमसे न पूछिये मेरी सफ़ में खड़े इन सफ़ेदपोशों को मेरा सलाम क्या है तुझमें तेरी ये शोखियाँ क्या है तेरा हुस्न हमसे न पूछिये अज़माईशों का ये दौर ज़रा लम्बा चलेगा बे'रहम क्यों है मौसम में गलन हमसे न पूछिये ©Narendra Barodiya नज़्म ❤️ #AkelaMann #narendrabarodiya #Shayar #nazm #Mobbhat #Love #Romantic #nojotohindi