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जहाँ सूरज की किरणे भी मुस्कुराती है जहाँ मेघे

जहाँ सूरज की किरणे भी मुस्कुराती है
    जहाँ मेघे भी हंस कर बरस जाती हैं 
                                        वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ की सुबह ज़िन्दगी मे मिठास सी घोल जाती है 
जहाँ की जागती शाम दिलो मे कुछ याद सी छोड़ जाती है
                                      वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ लस्सिया भी जाम बन जाती हैं
 जहाँ मीठी वाली पान जुबां से सीधे दिलो मे जम जाती हैं
                                       वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ सुबह की अज़ान खुदा से रूबरू कराती हैं
   जहाँ शाम की आरती भगवान से मिलाती हैं
                                        वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ की घाटे ज़िन्दगी की सच्चाई दिखलाती हैं 
जहाँ की चिलाती गलियां भी दिलो को शांत कर जाती हैं
                                         वो शिव की नगरी काशी है

जहाँ शिव की गंगा भी पावन बन जाती हैं
   जहाँ हर बारिश यूहीं सावन बन जाती हैं 
                                        वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ बिन मांगे हर हाथ मदद के हाथ बन जाती हैं
      जहाँ लड़कियां बेझिझक सर उठा कर चल पाती हैं 
                                         वो शिव की नगरी काशी है

जहाँ पूरी धरती सिर्फ एक त्रिशुल पर टिक जाती है 
   जहाँ मोक्ष मे भी लोगो को ज़िन्दगी मिल जाती हैं 
                                         वो शिव की नगरी काशी है 
                                         वो शिव की नगरी काशी है 
                                 ABYEE

©Abhay Anita Kumar #abyee
जहाँ सूरज की किरणे भी मुस्कुराती है
    जहाँ मेघे भी हंस कर बरस जाती हैं 
                                        वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ की सुबह ज़िन्दगी मे मिठास सी घोल जाती है 
जहाँ की जागती शाम दिलो मे कुछ याद सी छोड़ जाती है
                                      वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ लस्सिया भी जाम बन जाती हैं
 जहाँ मीठी वाली पान जुबां से सीधे दिलो मे जम जाती हैं
                                       वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ सुबह की अज़ान खुदा से रूबरू कराती हैं
   जहाँ शाम की आरती भगवान से मिलाती हैं
                                        वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ की घाटे ज़िन्दगी की सच्चाई दिखलाती हैं 
जहाँ की चिलाती गलियां भी दिलो को शांत कर जाती हैं
                                         वो शिव की नगरी काशी है

जहाँ शिव की गंगा भी पावन बन जाती हैं
   जहाँ हर बारिश यूहीं सावन बन जाती हैं 
                                        वो शिव की नगरी काशी है 

जहाँ बिन मांगे हर हाथ मदद के हाथ बन जाती हैं
      जहाँ लड़कियां बेझिझक सर उठा कर चल पाती हैं 
                                         वो शिव की नगरी काशी है

जहाँ पूरी धरती सिर्फ एक त्रिशुल पर टिक जाती है 
   जहाँ मोक्ष मे भी लोगो को ज़िन्दगी मिल जाती हैं 
                                         वो शिव की नगरी काशी है 
                                         वो शिव की नगरी काशी है 
                                 ABYEE

©Abhay Anita Kumar #abyee