दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।। जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम । एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।। परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग । बाद मृत्यु के आप भी , करते इसका भोग ।। जीवन के संताप को , एक परीक्षा जान । करते जाओ पार सब , पाओगे सम्मान ।। मीठे होंगे फल सभी , पहले कर संतोष । यूँ ही अपने भाग्य को , नहीं आप दें दोष ।। करता जो संघर्ष है , मन में अपने ठान । पाता है वह एक दिन , जग में सुन सम्मान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।। जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम । एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।। परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग ।