कबर अंधेरी मुझसे कह रही अंधेरा बहुत है आने से पहले ज़रा सोच ले रोशनी लेते आना अच्छे अमल वाली। ये सच्चाई है नहीं कोई सवाल खाली। कीड़े बेशुमार मुझमें जन्नत जहन्नुम डिपेंड करती है अमल कैसे हैं तुझमें। खुदा का अज़ाब बड़ा सख़्त है बड़े-बड़े बादशाह भी अज़ाब यहाँ चखते। बुरे वाले अच्छे नहीं आज के इंसान बड़े झूठे हैं ज़्यादातर तो सच्चे नहीं। अपनों को पुकारना तो चाहेगा पुकार नहीं पाएगा वो ज़िंदगी पहले जैसी जिएंगे तू कीड़े-मकोड़े ही खाएगा। मेरे पास आने से पहले संभल जा अभी वक्त है बदल जा। तौबा कर ले रब से माफ़ी माँग ले जिनका दिल दुखाया है उन सबसे। मौत तो आएगी हक से हाँ, अभी तेरे पास वक्त है। आख़िरत की ज़िंदगी बड़ी सख़्त है ©Asif Usmani Islam sad quotes about life and pain#qabar #akhirat