ग़ज़ल :- ज़िन्दगी का हमारी सफ़र आखिरी । और उनकी पड़ी हैं नज़र आखिरी ।। इक दफ़ा देख ले आज हम आपको । कल मिलेगी हमारी खबर आखिरी ।। हम तुम्हें छोड़कर जिस तरफ जा रहे । वो हमारे लिए है डगर आखिरी ।। गीत संगीत से दिल बहलता नहीं । पर तुम्हारे यही हमसफ़र आखिरी ।। हाथ ऐसे प्रखर भी छुड़ाता नहीं । गर न होता बुलावा अगर आखिरी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- ज़िन्दगी का हमारी सफ़र आखिरी । और उनकी पड़ी हैं नज़र आखिरी ।। इक दफ़ा देख ले आज हम आपको । कल मिलेगी हमारी खबर आखिरी ।। हम तुम्हें छोड़कर जिस तरफ जा रहे ।