Nojoto: Largest Storytelling Platform

उन चरणों की धूल बहुत है उर्जित बोलों के फूल बहुत ह

उन चरणों की धूल बहुत है
उर्जित बोलों के फूल बहुत है
उस वटवृक्ष की छाया सुंदर
उसके विस्तृत मूल बहुत हैं
सहज अचंभा है जग में वो
उनका तो उपकूल बहुत है
मुझे भले तृण हो जाने दो
साहित्य सुरसरि सुख पाने दो
हां! वहीं मुझे तुम उग आने दो
उर में उर्मि प्रवर गाने दो
हां! उस धुन पर लहराने दो
रश्मिरथी जिस पथ आने को
उस पर मुझको बिछ जाने दो
मेरे स्वर भाष्कर दिनकर को
वाणी! जीवन अमृतरस साने को #toyou #yqdinkar #yqlove #yqliterature #yqhindi #yqdedication
उन चरणों की धूल बहुत है
उर्जित बोलों के फूल बहुत है
उस वटवृक्ष की छाया सुंदर
उसके विस्तृत मूल बहुत हैं
सहज अचंभा है जग में वो
उनका तो उपकूल बहुत है
मुझे भले तृण हो जाने दो
साहित्य सुरसरि सुख पाने दो
हां! वहीं मुझे तुम उग आने दो
उर में उर्मि प्रवर गाने दो
हां! उस धुन पर लहराने दो
रश्मिरथी जिस पथ आने को
उस पर मुझको बिछ जाने दो
मेरे स्वर भाष्कर दिनकर को
वाणी! जीवन अमृतरस साने को #toyou #yqdinkar #yqlove #yqliterature #yqhindi #yqdedication