समां खिलते गुलों का है महकती शाम आई है
फलक पे चांद तारों ने हसीं महफिल सजाई है
तेरे आंचल के साए में मैं हरदम चैन पाता हूं
तेरी आंखों के सागर में सनम मैं डूब जाता हूं
हरिक ऋत में तेरे ही गीत सुनता हूं सुनाता हूं
नसीबों से मिली तुझसी शरीके ज़िंदगी मुझको #Song #Love#Hindi#hindi_poetry#hindi_shayari