Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुहब्त का ज़ोर अज्माते हैं चलो बिछड़ जाते हैं ॥ व

मुहब्त का ज़ोर अज्माते हैं
चलो बिछड़ जाते हैं ॥

वो दिल में नफरत रखते हैं
इछ्क के गीत गाते हैं ॥

देखो बादल बरसा है
आयो भीग जाते हैं ॥

चाहे सपनों में सही
वोह मिलने आते हैं ॥

रात को रौछ्न करते हैं
अपना दिल जलाते हैं ॥

किसी से बच्पन मांगा है
थौढा बह्क जाते हैं ॥

वोह मेरा घर ज़ल रहा है
एक तस्बीर बनाते हैं ॥

एक ऊमीद अभी तक मरी नही
चलो मिलके गला दबाते हैं ॥

तेरे ख़त को ख़त रहने दो
मेरे ख़त की कश्ती बहाते हैं ॥

जात-पात की दिवार गिराते हैं
मसजिद़ में राम बिठाते हैं ॥

वोह पत्थर तो बस पत्थर है
भूक्खे को अंन खिलाते हैं ॥

मैं आज की रात जिन्दां हूँ
आज तो जश़न मनाते हैं ॥

© अमर संघर #OpenPoetry मुहब्त का ज़ोर अज्माते हैं
चलो बिछड़ जाते हैं ॥

वो दिल में नफरत रखते हैं
इछ्क के गीत गाते हैं ॥

देखो बादल बरसा है
आयो भीग जाते हैं ॥
मुहब्त का ज़ोर अज्माते हैं
चलो बिछड़ जाते हैं ॥

वो दिल में नफरत रखते हैं
इछ्क के गीत गाते हैं ॥

देखो बादल बरसा है
आयो भीग जाते हैं ॥

चाहे सपनों में सही
वोह मिलने आते हैं ॥

रात को रौछ्न करते हैं
अपना दिल जलाते हैं ॥

किसी से बच्पन मांगा है
थौढा बह्क जाते हैं ॥

वोह मेरा घर ज़ल रहा है
एक तस्बीर बनाते हैं ॥

एक ऊमीद अभी तक मरी नही
चलो मिलके गला दबाते हैं ॥

तेरे ख़त को ख़त रहने दो
मेरे ख़त की कश्ती बहाते हैं ॥

जात-पात की दिवार गिराते हैं
मसजिद़ में राम बिठाते हैं ॥

वोह पत्थर तो बस पत्थर है
भूक्खे को अंन खिलाते हैं ॥

मैं आज की रात जिन्दां हूँ
आज तो जश़न मनाते हैं ॥

© अमर संघर #OpenPoetry मुहब्त का ज़ोर अज्माते हैं
चलो बिछड़ जाते हैं ॥

वो दिल में नफरत रखते हैं
इछ्क के गीत गाते हैं ॥

देखो बादल बरसा है
आयो भीग जाते हैं ॥
amarsangher2545

amar sangher

New Creator