कुछ अधुरी ख्वाहिशें
तो कुछ अनकहे जज्बात लिखती हूँ।
जो बयाँ ना हों इन लबों से कभी,
हाँ मैं वो दर्द भरे अल्फाज लिखती हुँ।
कुछ अल्हड सी यादें और वो मद्धम सी बरसात लिखती हूँ,,
जो हुई थीं सपनों मैं कभी तुम संग,
हाँ मैं वो मुलाकात लिखती हूँ।
जमीं पर बैठकर आसमां लिखती हुँ, #Poetry#Trending#poem#writer#nojohindi