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कोई खनकता हुआ कंगन आवाज़ देता है कोई संवरता हुआ यौ

कोई खनकता हुआ कंगन आवाज़ देता है
कोई संवरता हुआ यौवन आवाज़ देता है
गली से गुजरती पायल की धुन कहती है
पनाहों में आके किसी का मन, आवाज़ देता है
- विवेक विश्वकर्मा #syahi2020 #poetrystudio
कोई खनकता हुआ कंगन आवाज़ देता है
कोई संवरता हुआ यौवन आवाज़ देता है
गली से गुजरती पायल की धुन कहती है
पनाहों में आके किसी का मन, आवाज़ देता है
- विवेक विश्वकर्मा #syahi2020 #poetrystudio