दोहा पग पग कह अविरल चलत, सब अविचल अब सहज। नित प्रियवर सुनकर जगत, कलश अवसर तब सजग। ©Hardik Mahajan #alone #दोहाअभ्यास #संस्कृत #शब्दसंचय #मेरीकलमसे #हार्दिकमहाजन