ईद के अवसर पर आज मैं सोच रहा था, लोग त्यौहार क्यों मनाते हैं।जब इतिहास के पन्ने पलटे जाएं तो महसूस होता है, इससे कई गुणा बड़ी त्रासदी मनुष्य झेल चुका है। वो कई बार टूटा है, बिखरा है, गिरा है, पर हिम्मत नहीं हारा है, इसलिए तो जनसंख्या छह अरब है।जब घने अंधेरें में लाईट का कोई सोर्स ना हो तो जुगनू की रोशनी या कहीं दूर से आती हल्की रोशनी भी हमें मंजिल तक पहुंचा देती है।कोरोना, मनुष्य के लिए घनघोर संकट के रूप में खड़ा अवश्य है,पर इससे सब की मृत्यु हो रही, ऐसा भी नहीं है।वो लोग जो एकदम घबरा जा रहे, जिन्हें यह बीमारी मृत्यु सदृश्य लग रही,वो लोग ही असमय मृत्य प्राप्त कर रहे।बाकी चिकित्सीय सुविधाओं का घोर अभाव तो है ही।मनुष्य इन दुखों में भी खुशी ढूंढने,मुस्कुराने के लिए त्यौहार मनाता है,और हम कितने खुश किस्मत हैं कि भांति - भांति के लोग हमारे देश में हैं, और हर दिन हमारे देश में कोई ना कोई बड़ा छोटा पर्व है। यह दिन भी बीत जायेगा प्यारे .. धैर्य रख, तुम्हारे हौसले से बड़ा इस कायनात में खौफ का कोई मंज़र नहीं।मृत्य एक कड़वा सच है और किसी ना किसी विधि हर किसी की मृत्य होती है और एक बार ही होती है,फिर मृत्यु से कैसा डर, कर्तव्य पथ पर जो मिले, हार हो या जीत, जीवन हो या मरण गीत हो, यह भी सही, वह भी सही.... #life #lifequotes #yqbaba #yqdidi #yqhindi #love #lovequotes #coronavirus