#करके देखो# संवाद की सुई में स्नेह की धागों को पिरोकर तो देखो। टूटते रीस्ते में सिर्फ एक बार तुरपाई लगाकर तो देखो।। जीवन बहती एक नदी है,झरना है,इसे आप रोको मत, लड़कर मुशीबतों से कदम को आगे बढ़ाकर तो देखो।। महकाना चाहते हैं अगर आप रिस्तों की बगिया को, रिश्तों की कड़वाहट और भूलों को मिटाकर तो देखो।। झूँठ बोलना तो हमेशा से इंसानों की फितरत रही है, हे देव एक बार सचाई का मार्ग अपनाकर तो देखो।। क्यों जलते हैं ये मानव,दूसरे की वैभव को देखकर, कभी अपने को मोम की भांति जलाकर तो देखो। क्यों ढूंढते हैं एक-दूसरे की छिप्पी बूराइयों को हम, उनके अंदर की अच्छाइयों को समेटकर तो देखो।। यहां अपनी खुशियों में तो सभी लोग मुस्कुराते हैं, जनाब दूसरों की खुशियों पर मुस्कुराकर तो देखो।। हे देव,किसी को कभी अपने से छोटा मत समझना, तिनका बचाता है चींटियों को ये निहारकर तो देखो।। हे देव,इस दुनिया में कुछ भी नहीं रहा है असम्भव, ये ठिठके कदम को लक्ष्यों की ओर बढ़कर तो देखो।। हे देव,क्यों झुकाते हो सर इन बेजुबान पत्थरों के आगे, माता-पिता व गुरुओं के आगे शीश झुककर तो देखों।। Tr-Rajesh kumar सेमरी(देव)करहगर,रोहतास Mob-9801974 027 #NojotoQuote करके देखो