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rajeshkumar6480
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rajeshkumar

teacher

rajeshkumar4111974@gmail.com

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rajeshkumar

अपसंस्कृति के चक्कर में,हमारे रीस्ते अब रिस रहे हैं।
देश के सभी मुर्ख,पत्थरों पर,अपना माथा घिस रहे है।।
दुर्भाग्य ने लिया है करवट,ऊंट आया है पहाड़ के नीचे,
नयी को कौन कहे,सबके मन में,पुराने वादे टीस रहे हैं।।
 सभी धर्मों के कठमुलाओं ने,वैसे बांटा है मानवता को,
जो हुए हैं खून के प्यासे,आपस में तलवारें खिंच रहे हैं।।
कैसे मान लूँ की अतीत गौरौवशाली था व आज भी है,
जहाँ पहले व आज भी गुरु,शिष्यों की जाति पूछ रहे हैं।।
कितनी सरकारें आयीं व गयीं भी,गरीबी मिटाने के लिये,
नेताओं की अमीरी देख,गरीब आँखे अपना मीच रहे हैं।।
शिक्षा व शिक्षक की हालत बिगाड़ी है सभी सरकारों ने,
फिर भी ये गुरु खून-पसीने से,नई पौध को सींच रहे हैं।।
देश में इस समय जरूरत है"समान शिक्षा प्रणाली"का,
पर सभी दलों के घोषणा पत्र में ये मुद्दे क्यों छूट रहे हैं।।
Tr-Rajesh kumar
सेमरी(देव)करगहर
रोहतास(सासाराम)
Mob-9801974027 #NojotoQuote

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rajeshkumar

गजब का जमाना आ गया है भाई,
भक्त और चमचे ज्यादा पैदा ले रहे है।।
देश के शुभ चिंतकों हटा दो रजाई,
देश के गद्दार अब अंगड़ाई ले रहे हैं।।
लगता है अब देश में कुछ होने वाला है
सभी नेता अपना चोला बदल रहे है।।
ये नेता जिसे पूजते थे देवों की तरह,
आज उन्हीं को सैकड़ों ग़ाली दे रहे है।।
जो कल तक ढूंढने पर भी नहीं मिलते थे,
ओ आज आपके चरणों में मिल रहे है।।
पिछली सभी धोषणाये रह गयीं हैं बाकी,
अब नित नयीं -नयीं धोषणाएँ कर रहे हैं।।
ये सभी चोर- चोर का खेल खेलकर,
देश को ये दोनों हांथों से लूट रहे है।।
इनके सफेद वसन पे मत जाइयेगा,
आस्तीन में खंजर छुपाये घूम रहे है।।
सावधान हो जाओ लोकतंत्र के वोटरों,
वोट के सौदागर  गलियों में घूम रहे हैं।।
चौकीदार ने की ऐसी चौकीदारी कि
सीमा पे हमारे सैनिक शीश गवां रहे हैं।।
Tr-Rajesh kumar
Mob-9801974027





 #NojotoQuote जागो वोटरों जागो

जागो वोटरों जागो

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rajeshkumar

#करके देखो#

संवाद की सुई में स्नेह की धागों को पिरोकर तो देखो।
टूटते रीस्ते में सिर्फ एक बार तुरपाई लगाकर तो देखो।।
जीवन बहती एक नदी है,झरना है,इसे आप रोको मत,
लड़कर मुशीबतों से कदम को आगे बढ़ाकर तो देखो।।
महकाना चाहते हैं अगर आप रिस्तों की बगिया  को,
रिश्तों की कड़वाहट और भूलों को मिटाकर तो देखो।।
झूँठ बोलना तो हमेशा से इंसानों की फितरत रही है,
हे देव एक बार सचाई का मार्ग अपनाकर तो देखो।।
क्यों जलते हैं ये मानव,दूसरे की वैभव को देखकर,
कभी अपने को  मोम की भांति जलाकर तो देखो।
क्यों ढूंढते हैं एक-दूसरे की छिप्पी बूराइयों को हम,
उनके अंदर की अच्छाइयों को समेटकर तो देखो।।
यहां अपनी खुशियों में तो सभी लोग मुस्कुराते हैं,
जनाब दूसरों की खुशियों पर मुस्कुराकर तो देखो।।
हे देव,किसी को कभी अपने से छोटा मत समझना,
तिनका बचाता है चींटियों को ये निहारकर तो देखो।।
हे देव,इस दुनिया में कुछ भी नहीं रहा है असम्भव,
ये ठिठके कदम को लक्ष्यों की ओर बढ़कर तो देखो।।
हे देव,क्यों झुकाते हो सर इन बेजुबान पत्थरों के आगे,
माता-पिता व गुरुओं के आगे शीश झुककर तो देखों।।

          Tr-Rajesh kumar
      सेमरी(देव)करहगर,रोहतास
         Mob-9801974 027 #NojotoQuote करके देखो

करके देखो

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rajeshkumar

ज्ञान को जोड़ो बाहरी जीवन से,
रटंत प्रणाली खत्म करने की हो इच्छा।
गतिविधि आधारित शिक्षण हो,
भय मुक्त हो बच्चों की परीक्षा।।
लोकतान्त्रिक मूल्यों का हो विकास,
NCF2005 की यहीं है इच्छा।।
BCF ने अपने परिवेश को जोड़ा,
NCF में कर एक बदलाव थोड़ा।।
Tr-राजेश कुमार

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rajeshkumar

जेकरा बोले के लूर भइल!
ओकर दुःखे सब दूर भइल!
विना हरे-फिटिकिरी के उ ,
 दुनिया में कइसे मशहूर भइल??
आँखि से चश्मा उतर गइल!
विकाश हमरा के कुतर गइल!
चिंता ना, चिंतन करीं रउआ,
कि लोगवा काहें मजबूर भइल??
जे पास रहे उहे अब दूर भइल!
सिचनीं तबो पेड़वा झुर गइल!
सोचीं-बिचारि भाई लोगन अब,
काहें निमकवे आज गुर भइल??
मान लेनी हमरा से भूल भइल!
विकाश त गाय के खुर भइल!
राम नाम त हम खूब जपनी,
काहें देवता मन्दिर से फुर भइल??
Tr-Rajesh kumar बोले के लूर

बोले के लूर

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rajeshkumar

धर्म के पुजारियों मेरी सुनो,
चिंता छोड़ तुम चिंतन करो।
मत फैलाओ आडम्बर तुम,
विज्ञान पढ़ो और मंथन करो।।
Tr-Rajesh kumar धर्म के पुजारियों

धर्म के पुजारियों

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rajeshkumar

मत बेचो पकौड़ा और चाय!
मत रटो तुम मंदिर और गाय!!
सम्भल जाओ धुतों नहीं तो,
जनता कर देगी बाय-बाय!!
Tr-Rajesh kumar

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rajeshkumar

शिक्षा  बदलो , नाम  नहीं !
काम  बदलो , धाम  नहीं !!
Tr-Rajesh kumar

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rajeshkumar

आज दिनांक 11/11/2018 को BHU से छुट्टी मिली पर इन 3 दिनों में मैंने आंसू के कुछ रंग देखे और महसूस भी किया।इस आंसू के दूसरे पहलू से आप लोग भी रूबरू होइए ।

###आंसू###
अगर है कोई रोता तो उसे रो लेने दो।
रोको मत,ये मोती उसे बिखेर लेने दो।।

एक बूंद आंसू के लाख फसाने हैं,
ये क्यों निकलता है सभी अनजाने हैं।
रोते तो यहां दुनिया के सभी लोग है,
पर रोने के सबके अलग अफसाने हैं।
रोना अगर अपराध होता तो बच्चे,
ये अपराध भी बार-बार नहीं करते।
खुश होने का दबाव है इतना कि,
लोग छुप-छुप कर भी हैं अब  रोते ।
अगर दिल पर कोई बोझ आ जाये तो,
रोकर उसे जी हल्का कर लेने दो।
अगर है कोई रोता तो उसे रो लेने दो।
रोको मत,ये मोती उसे बिखेर लेने दो।।

आंसू के रूप में निकलनेवाला पदार्थ,
"ल्यूसाइन इंकेफालिन" एक रसायन है।
हर दर्दे दिल का दर्द को हरने वाला,
एक प्राकृतिक दर्द निवारक रसायन है।
जो ये कहते हैं कि मैं कभी रोता नहीं,
ये झूठा ही सही,ये उन्हें कह लेने दो।
अगर है कोई रोता तो उसे रो लेने दो।
रोको मत ये मोती उसे बिखेर लेने दो।।

रोना और हंसना हर मर्ज की दवा है,
विश्व के 70% मनोबैज्ञानिको का दावा है।
इसे रोकने से ही जीवन में आया तनाव है,
रोना-हंसना भूले हम नेट से हुआ लगाव है।
आंसू को भी हमने हैं जेंडर में बांटे?
लड़की रोए तो खुश!!लड़के को डाँटें?
मर्दों को नहीं रोना चाहिए कभी,
ये जुमला भी उन्हें खूब कह लेने दो।
अगर है कोई रोता तो उसे रो लेने दो।
रोको मत उसे ये मोती बिखेर लेने दो।

रोने वाले को बुजदिल कहने वाले,
आंसू न गिराकर मन ही मन रोने वाले।
याद करो तुम वे बचपन की दिन,
क्या थे,उस समय तनाव के दिन?
मैने तो देखा है किसी न किसी को,
ख़ुशी में झर झर मोती गिराते हुए।
रोने की बात ही अब तो अलग है,
हंस-हंसकर भी मोती गिराते हुए।
मुझे भी हंस-हंसकर मोती गिरा लेने दो।
जो रोता है तो उसे जी भरकर रो लेने दो।
रोको मत, ये मोती उसे बिखेर लेने दो।।

T r-Rajesh kumar
सेमरी(देव),करगहर,रोहतास
सासाराम,821107
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rajeshkumar

####भारत की हालत###
###############
भारत की हालत अब है खस्ता ,
इण्डिया नकल में बना है बाप।
ढाई अच्छर जो कभी पढ़ा नहीं,
सड़क व संसद में करता है जाप।।
आने वाला है लोकतंत्र का महापर्व,
धीरे-धीरे बढ़ रहा है इसका ताप।
'सुशासन'की है अब बिगड़ी सुर,
अब 'विकास' है रहा थर-थर कांप।।
आँख और कान का पर्दा हटाओ,
चमचई व अंधभक्ति छोड़ दो आप।
समान शिक्षा प्रणाली की जो करे बात,
उसी को राजगद्दी पे बैठा दो आप।।
जो राष्ट्र निर्माता की बात नहीं सुनी,
हरा दो,चाहे  खड़े हों अपना बाप।
समान वेतन और पेंशन के हकदारों,
इनकी कुम्भ कर्णी निंद्रा तोड़ दो आप।।
"राजेश कुमार" का सन्देश सुन लें,
भारत के नियमित,नियोजित आप।
रुको नहीं,झुको नहीं,लें संकल्प,
अब भारत की हालत बदल दें आप।।
    --Tr. राजेश कुमार, 
सेमरी( देव),करगहर,रोहतास
 भारत के समान वेतन और समान पेंशन के हकदारों

भारत के समान वेतन और समान पेंशन के हकदारों

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