विषय-चित्रलेखन
एक सपना मैनें पाला था माँ
पढूं लिखूं विद्वान बनूँ मैं
मीठी मीठी बातों से हरदम तुझे रिझाऊँ
रूठे गर मुझसे सदा मैं तुझे मनाऊँ
तेरी खातिर मैं अपनी खुशियां वारूँ हजार
तेरे ही आँचल में सदा मनाऊँ हर तीज त्योहार #Poetry#कविशाला#कुछपलदिलकेपास#निश्छल#अनिल_कुमार#नोजोतोखबरी