मैं और मेरी कविताएँ खुद को निहारना होता हैं तो, मैं मेरी लिखी कविताओँ का वाचन करता हूं... आईने से ज्यादा मेरी कविताएँ , मेरी छवि बताती हैं...🖤 मेरी कविताएँ मेरे बीते हुए कल को आने वाले कल से मिलाती हैं.. जब खुद ही अकेले मन मे बड़बड़ाता हूँ तब मेरी कविताएँ दौड़े चले आती हैं मेरे पास और मुझसे बातें करती हैं जब-जब मैं दुखी होकर खुद से सवाल किया तब-तब मेरी भावनाओं ने कविताओँ का रूप धारण किया...🖤 आईने से ज्यादा मैं मेरी कविताओँ में खुद को संवरता हूं ©purvarth #मेरी_कविताएं