तू सुथरी होगी बेशक पर मारे दिल जिसी ना पावेगी देशी ठाठ हैं मारे छोरे देशी घी बरगे मारी होड़ तेरे त कित हो पावेगी तू फुल्का की लाड़ली दिखे हैं हम खाने आले बाजरे की रोटी मारी गेला तेरे गुण कित मिल पावेंगे... ©Drx. Mahesh Ruhil #paper B Ravan Anita Sahani chanranshi homquotes King sajid khan