दासी बनी बैठी हूँ तुम्हारे द्वार की, तुम्हारी राह में फूल बिछाने हैं , अब तो चरण कमल तुम डालों कान्हा अब दासी को भी दर्शन दे डालो कान्हा, सदियों की प्यासी हूँ तेरी दर्शन की, अब तो अपना दरस दिखा जाओ ऐसा कौन सा चाँद सा टुकड़ा हो तुम मेरे प्यारे , जरा हमें भी तो बता जाओ, नही लगती तुम्हे नज़र हमारी कन्हैया, बलाए ले लूं मैं तुम्हारी कान्हा, बस एक बार समाने तो आ जाओ, इन अखियन कि प्यास की खाली झोली भर जाओ, इस विरहा में जलती दासी की प्यास बुझा जाओ।। Special edited by Twinkle Sharma Mere Shabo ko Bhavo ko mala me pirone k liye, Apka bhut bhut Aabhar Shukriyaa. #kishu #दासी #pchawla16 #yqpaaji #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo