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स्कूल का पहला दिन तो था ही बहुत खास उससे भ

स्कूल का पहला दिन       तो था ही बहुत खास
  उससे भी खास थी उससे पहले की रात
 गायब थी आंखों की नींद 
सोच सोच कैसा होगा कल का दिन
 क्या देगी मां मुझको टिफिन
  कैसे खाऊंगी मैं, मां तेरे बिन
 कैसे होंगे वहां के टीचर
 कैसे  बिताऊंगी  मैं वहां दिनभर
 जाने कब हो गई पलकें भारी
 नींद खुली  जब मां ने सुबह आवाज लगाई
 झटपट फ्रेश हो मैं हो  गई तैयार
  अपने भैया का हाथ थाम
 चल पड़ी स्कूल बस में होने सवार
 जब आई बस हम उसमें गए बैठ    
 मन के अंदर खलबली सी मच गई
 जब बस पहुंच गई स्कूल गेट

©तृप्ति #SchoolKaPehlaDin
स्कूल का पहला दिन       तो था ही बहुत खास
  उससे भी खास थी उससे पहले की रात
 गायब थी आंखों की नींद 
सोच सोच कैसा होगा कल का दिन
 क्या देगी मां मुझको टिफिन
  कैसे खाऊंगी मैं, मां तेरे बिन
 कैसे होंगे वहां के टीचर
 कैसे  बिताऊंगी  मैं वहां दिनभर
 जाने कब हो गई पलकें भारी
 नींद खुली  जब मां ने सुबह आवाज लगाई
 झटपट फ्रेश हो मैं हो  गई तैयार
  अपने भैया का हाथ थाम
 चल पड़ी स्कूल बस में होने सवार
 जब आई बस हम उसमें गए बैठ    
 मन के अंदर खलबली सी मच गई
 जब बस पहुंच गई स्कूल गेट

©तृप्ति #SchoolKaPehlaDin