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धुंध भरी रात है राह में अंधेरा है दूर अभी मंज़िल ह

धुंध भरी रात है
राह में अंधेरा है
दूर अभी मंज़िल है
पास घर तेरा है

बिखरे हुए बाल हैं
उलझे दिल के सवाल हैं
कल की कोई ख़बर नहीं
शायद उस पार नया सवेरा है

काग़ज़ पर उतरते अल्फ़ाज़ है
उमड़ता दर्द का सैलाब है
कभी दूर,कभी करीब है
किस साये ने मुझे घेरा है

©Abhishek Trehan
  #addiction #manawoawaratha