फाल्गुन ऋतु में प्रेम का रंग खिला, तुम भी तो समझो मौसम का इशारा, ठीक सुना है दिल मिलते हैं इस तरह से, कभी तो बुलाओ तुम, हमें भी बहाने से । रंग मुझको काश मिलकर लगाओ तुम पास अपने इस बहाने बुलाओ तुम दिल मिलेंगे इस तरह से सुना मैंने दिल अपना अब कभी तो मिलाओ तुम ___✍ Arif Alvi