क्या लिखें ? कभी कभी कुछ भी लिखने को मन कर रहा है लेकिन लिखने को कुछ भी नहीं है फिर भी दिल यहाँ वहाँ से कुछ ना कुछ ढूंढ रहा है क्या पता कुछ मिल जाए, जो यहीं कहीं है कभी कभी कुछ भी लिखने को मन कर रहा है लफ़्ज़ों की कमी नहीं पर लिखूँ क्या ? ये सोचते सोचते समय निकल जा रहा है पूरी ख़बर है मुझे, पर ऐ खुदा मैं करुँ क्या ? कभी कभी कुछ भी लिखने को मन कर रहा है और बैठ जाता हूँ मैं अपने किरदार के साथ ये सोच कर कि कहानी में बहुत कुछ हो रहा है लेकिन अब लफ्ज़ नहीं दे रहा है मेरा साथ कभी कभी कुछ भी लिखने को मन कर रहा है लेकिन कुछ भी नहीं लिख पाते हम जैसे बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह रहा है वैसे ही बिना कुछ लिखें बहुत कुछ लिख बैठे हम ©Krishnan #writings #writing #poems #Poetry #kavita #word