स्वयं तुम एक बनो , शांति के प्रतीक बनो """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""" स्वयं तुम एक बनो , शांति के प्रतिक बनो । सेवक बनो देश का , विकास तुम किए चलो ।। कर्म महान है , सब को साथ लिए चलो । मिट रहा सनातनी , रक्षा तुम किए चलो । हिंदू हो , हिंदू रहो , कट्टर तुम बने चलो । भला करके देश का , आगे तुम बढ़े चलो ।। स्वयं तुम एक बनो , शांति के प्रतीक बनो ।। निकल रही है आज , सबके दिल से आवाज । दुनिया के विकास का , छुपा है हिंदुत्व में राज ।। झुकेंगे नहीं , रूकेंगे नहीं , कदम बढ़ाते चलेंगे हम । देश के लिए , धर्म के लिए , जीएंगे और मरेंगे हम । युग बदल रहा है , तुम भी संघर्षशील बनो । परिवार का तकदीर हो , देश का भी तकदीर बनो ।। स्वयं तुम एक बनो , शांति के प्रतीक बनो । सेवक बनो देश का , विकास तुम किए चलो ।। ((((((((((((((((((((((((())))))))))))))))))))))))) प्रमोद मालाकार की कलम से """"""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar #स्वयं तुम एक बनो, शांति के प्रतीक बनो।