समन्दर नहीं...ना सही,एक दरिया तो होना चाहिए, किसी को जानने का...कोई, जरिया तो होना चाहिए। कभी इन आंखों का देखा,भी ग़लत हो जाता है दोस्त, ग़लत..सच देखने का भी कोई, नजरिया होना चाहिए। -नीरज अकेला ©Kumar Neeraj #WorldOceanDay