सुनो, वो पिपल का पेड़ याद है, जिसके नीचे बैठ तुमने हजारों वादे किये थे पता है, उस पेड़ के पत्ते आज भी उतने ही हरे हैं, मगर, न जाने,तुम्हारे वादों को क्या हो गया! Na Jane tumhare waadon ko Kya ho gaya!!