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समाज (दोहे) विकट हुए हालात हैं, पीड़ित हुआ समाज। द

समाज (दोहे)

विकट हुए हालात हैं, पीड़ित हुआ समाज।
दुष्टों की संख्या बढ़ी, पाना चाहें राज।।

शोर शराबा कर रहे, करते हरकत नीच।
कहाँ सुरक्षित बेटियाँ, रहे पाप को सींच।।

ये समाज अब देखता, है ईश्वर की ओर।
रक्षित अब ईश्वर करो, विपदा है घन-घोर।।

दया भाव अब कुछ नहीं, कहता यही समाज।
करते शोषण शान से, और पहनते ताज़।।

कहती हैं कुछ सुर्खियाँ, जालिम रहा समाज।
खुदी धकेले नर्क में, और न आते बाज।।

मुस्किल जब खुद को हुई, देख हुए हैरान।
हालातों को कोसते, कंटक बनती जान।।
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देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #समाज #nojotohindi

समाज (दोहे)

विकट हुए हालात हैं, पीड़ित हुआ समाज।
दुष्टों की संख्या बढ़ी, पाना चाहें राज।।

शोर शराबा कर रहे, करते हरकत नीच।
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator
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#समाज #nojotohindi समाज (दोहे) विकट हुए हालात हैं, पीड़ित हुआ समाज। दुष्टों की संख्या बढ़ी, पाना चाहें राज।। शोर शराबा कर रहे, करते हरकत नीच। #Poetry @Anshu Shayari, Status, Quotes, Stories">#Anshu

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