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deveshdixit4847
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Devesh Dixit

मुझे कविताएँ लिखना, पढ़ना, सुनना एवम सुनाना अत्यधिक पसंद है। 7982437710

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Devesh Dixit

किताबें करतीं हैं बातें

मुझे किसी के सिसकने की, 
कहीं से आवाज़ आ रही थी।
जो कि लगातार मेरे कानों से,
आकर अब भी टकरा रही थी।

ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया,
आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया।
ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया,
इस कदर उसने मुझको भटकाया।

ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया,
हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया।
कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का,
जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया।

निकलने लगा मैं जब वहाँ से,
बोली तभी किताब तपाक से।
यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो,
मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो।

सुन कर दुविधा में आ गया,
रुका मैं इंसानियत के नाते।
तब जाकर समझ में आया,
कि किताबें करती हैं बातें।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #किताबें_करतीं_हैं_बातें #nojotohindi #nojotohindipoetry 

किताबें करतीं हैं बातें

मुझे किसी के सिसकने की, 
कहीं से आवाज़ आ रही थी।
जो कि लगातार मेरे कानों से,
आकर अब भी टकरा रही थी।

ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया,
आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया।
ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया,
इस कदर उसने मुझको भटकाया।

ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया,
हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया।
कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का,
जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया।

निकलने लगा मैं जब वहाँ से,
बोली तभी किताब तपाक से।
यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो,
मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो।

सुन कर दुविधा में आ गया,
रुका मैं इंसानियत के नाते।
तब जाकर समझ में आया,
कि किताबें करती हैं बातें।
.........................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  @hardik Mahajan Saurav life Amar'Arman' Baghauli hardoi UP Ayesha Aarya Singh Self Made Shayar  Kavisthaan Ankita Tantuway Bobby(Broken heart) m raj. g Suresh Gulia  Shilpa yadav indu singh Creative Sarita Riti sonkar Lamha

#किताबें_करतीं_हैं_बातें #nojotohindi #nojotohindipoetry किताबें करतीं हैं बातें मुझे किसी के सिसकने की, कहीं से आवाज़ आ रही थी। जो कि लगातार मेरे कानों से, आकर अब भी टकरा रही थी। ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया, आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया। ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया, इस कदर उसने मुझको भटकाया। ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया, हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया। कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का, जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया। निकलने लगा मैं जब वहाँ से, बोली तभी किताब तपाक से। यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो, मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो। सुन कर दुविधा में आ गया, रुका मैं इंसानियत के नाते। तब जाकर समझ में आया, कि किताबें करती हैं बातें। ......................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila @hardik Mahajan Saurav life Amar'Arman' Baghauli hardoi UP Ayesha Aarya Singh Self Made Shayar Kavisthaan Ankita Tantuway Bobby(Broken heart) m raj. g Suresh Gulia Shilpa yadav indu singh Creative Sarita Riti sonkar Lamha #Poetry

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Devesh Dixit

किताबें करतीं हैं बातें

मुझे किसी के सिसकने की, 
कहीं से आवाज़ आ रही थी।
जो कि लगातार मेरे कानों से,
आकर अब भी टकरा रही थी।

ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया,
आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया।
ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया,
इस कदर उसने मुझको भटकाया।

ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया,
हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया।
कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का,
जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया।

निकलने लगा मैं जब वहाँ से,
बोली तभी किताब तपाक से।
यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो,
मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो।

सुन कर दुविधा में आ गया,
रुका मैं इंसानियत के नाते।
तब जाकर समझ में आया,
कि किताबें करती हैं बातें।
........................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit #किताबें_करतीं_हैं_बातें #nojotohindi #nojotohindipoetry 

किताबें करतीं हैं बातें

मुझे किसी के सिसकने की, 
कहीं से आवाज़ आ रही थी।
जो कि लगातार मेरे कानों से,
आकर अब भी टकरा रही थी।

ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया,
आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया।
ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया,
इस कदर उसने मुझको भटकाया।

ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया,
हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया।
कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का,
जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया।

निकलने लगा मैं जब वहाँ से,
बोली तभी किताब तपाक से।
यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो,
मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो।

सुन कर दुविधा में आ गया,
रुका मैं इंसानियत के नाते।
तब जाकर समझ में आया,
कि किताबें करती हैं बातें।
.........................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila Swati kashyap Sethi Ji Kumar Shaurya PURAN SING‌H CHILWAL Rakhee ki kalam se  Dil Ki Talash

#किताबें_करतीं_हैं_बातें #nojotohindi #nojotohindipoetry किताबें करतीं हैं बातें मुझे किसी के सिसकने की, कहीं से आवाज़ आ रही थी। जो कि लगातार मेरे कानों से, आकर अब भी टकरा रही थी। ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया, आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया। ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया, इस कदर उसने मुझको भटकाया। ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया, हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया। कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का, जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया। निकलने लगा मैं जब वहाँ से, बोली तभी किताब तपाक से। यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो, मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो। सुन कर दुविधा में आ गया, रुका मैं इंसानियत के नाते। तब जाकर समझ में आया, कि किताबें करती हैं बातें। ......................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila Swati kashyap Sethi Ji Kumar Shaurya PURAN SING‌H CHILWAL Rakhee ki kalam se Dil Ki Talash

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e91203f815ec0e7597eb06f0a8b93d8e

Devesh Dixit

आंजनेय (दोहे)

आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान।
निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान।

दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट।
देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट।

हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान।
लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान।

संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार।
जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार।

भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार।
हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार।
.................................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

आंजनेय (दोहे)

आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान।
निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान।

दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट।

#आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

दीवार (दोहे)

खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच।
रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।।

उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात।
खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।।

मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार।
जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।।

अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार।
एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।।

कैसी ये दीवार है, होते सब आघात।
बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।।

कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल।
अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।।
...............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

दीवार (दोहे)

खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच।
रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।।

उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात।
खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।।

मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार।
जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।।

अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार।
एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।।

कैसी ये दीवार है, होते सब आघात।
बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।।

कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल।
अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।।
.................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  Lalit Saxena बाबा ब्राऊनबियर्ड Dr Anoop Dil Ki Talash Muna Uncle  Internet Jockey Aariya writer Roshan Shayar Anshu writer PURAN SING‌H CHILWAL  Internet Jockey Aariya writer Sanjana Shilpa yadav Anjali Sharma

#दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Lalit Saxena बाबा ब्राऊनबियर्ड Dr Anoop Dil Ki Talash Muna Uncle Internet Jockey Aariya writer Roshan Shayar Anshu writer PURAN SING‌H CHILWAL Internet Jockey Aariya writer Sanjana Shilpa yadav Anjali Sharma #Poetry

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Devesh Dixit

टूटा हुआ तारा (दोहे)

टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस।
मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।।

गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह।
माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।।

पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान।
घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।।

धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान।
कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।।

अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल।
मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi 

टूटा हुआ तारा (दोहे)

टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस।
मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।।

गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह।
माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।।

पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान।
घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।।

धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान।
कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।।

अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल।
मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।।
.................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  Sethi Ji Shourya Pratap Singh Adhuri Hayat Swati kashyap PURAN SING‌H CHILWAL  Neha verma Dr SONI Dr.santosh Tripathi Reena Sharma ꧁;༆sajandeep Muste-e-khaak༆;꧂  Arshad Siddiqui Rakesh Kumar Das Rina Giri Nîkîtã Guptā Urmeela Raikwar (parihar)  Kumar Shaurya Praveen Jain "पल्लव" Ishika kavita pramar Sandeep Surela

#टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।। गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह। माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।। पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान। घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।। धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान। कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।। अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल। मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।। ................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Sethi Ji Shourya Pratap Singh Adhuri Hayat Swati kashyap PURAN SING‌H CHILWAL Neha verma Dr SONI Dr.santosh Tripathi Reena Sharma ꧁;༆sajandeep Muste-e-khaak༆;꧂ Arshad Siddiqui Rakesh Kumar Das Rina Giri Nîkîtã Guptā Urmeela Raikwar (parihar) Kumar Shaurya Praveen Jain "पल्लव" Ishika kavita pramar Sandeep Surela #Poetry

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Devesh Dixit

अटल सत्य (दोहे)

अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान।
फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।।

मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार।
अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।।

अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद।
अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।।

ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल।
अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।।

घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान।
अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।।
...............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

अटल सत्य (दोहे)

अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान।
फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।।

मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार।
अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।।

अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद।
अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।।

ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल।
अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।।

घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान।
अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।।
..................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  ANSHIKA PANDIT Dil Ki Talash Sanjana @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 PФФJД ЦDΞSHI  Arshad Siddiqui Self Made Shayar Rooh_Lost_Soul Shilpa yadav Subhash Chandra  Anshu writer Lalit Saxena Sethi Ji gum_nam_shayar_7 SACHIN SAMRAT  Sadhna Singh Neha verma Suraj Maurya Sm@rty divi p@ndey sHiVa_JhA  PURAN SING‌H CHILWAL PRVINKUMAR THAKKAR Ruchi Rathore Er.ABHISHEK SHUKLA ãlfàâzóô kâ kārvä _(The Unknown Writer)

#अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila ANSHIKA PANDIT Dil Ki Talash Sanjana @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 PФФJД ЦDΞSHI Arshad Siddiqui Self Made Shayar Rooh_Lost_Soul Shilpa yadav Subhash Chandra Anshu writer Lalit Saxena Sethi Ji gum_nam_shayar_7 SACHIN SAMRAT Sadhna Singh Neha verma Suraj Maurya Sm@rty divi p@ndey sHiVa_JhA PURAN SING‌H CHILWAL PRVINKUMAR THAKKAR Ruchi Rathore Er.ABHISHEK SHUKLA ãlfàâzóô kâ kārvä _(The Unknown Writer) #Poetry

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Devesh Dixit

उमंग

लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है।
होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।।

यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे।
आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।।

डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में।
डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।।

अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से।
नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।।

हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में।
तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।।

खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में।
ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।।

तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है।
ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।।
......................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #उमंग #nojotohindi #nojotohindipoetry 

उमंग

लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है।
होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।।

यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे।
आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।।

डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में।
डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।।

अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से।
नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।।

हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में।
तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।।

खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में।
ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।।

तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है।
ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।।
..................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  PURAN SING‌H CHILWAL Dil Ki Talash Santosh Narwar Aligarh प्रतिमा कुमार यादव Sandeep Bishnoi

#उमंग #nojotohindi #nojotohindipoetry उमंग लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है। होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।। यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे। आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।। डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में। डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।। अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से। नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।। हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में। तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।। खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में। ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।। तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है। ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila PURAN SING‌H CHILWAL Dil Ki Talash Santosh Narwar Aligarh प्रतिमा कुमार यादव Sandeep Bishnoi #Poetry

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Devesh Dixit

अयोध्या सज गई (दोहे)

देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम।
राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।।

प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार।
हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।।

कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान।
राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।।

भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान।
द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।।

भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ।
जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।।
............................................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit
  #अयोध्या_सज_गई #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi 

अयोध्या सज गई (दोहे)

देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम।
राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।।

प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार।
हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।।

कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान।
राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।।

भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान।
द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।।

भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ।
जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।।
..................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  Yogendra Shukla Sanjay Ni_ra_la Sethi Ji Internet Jockey nitin kumar  Sandeep Surela Pooja pndit Lalit Saxena Praveen Storyteller @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09  Dhyaan mira Anshu writer Self Made Shayar Mishra Miracle Nandini  Dil Ki Talash kavita pramar Bhavana kmishra बादल सिंह 'कलमगार' Babita Kumari

#अयोध्या_सज_गई #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi अयोध्या सज गई (दोहे) देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम। राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।। प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार। हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।। कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान। राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।। भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान। द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।। भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ। जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Yogendra Shukla Sanjay Ni_ra_la Sethi Ji Internet Jockey nitin kumar Sandeep Surela Pooja pndit Lalit Saxena Praveen Storyteller @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Dhyaan mira Anshu writer Self Made Shayar Mishra Miracle Nandini Dil Ki Talash kavita pramar Bhavana kmishra बादल सिंह 'कलमगार' Babita Kumari #Poetry

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Devesh Dixit

जीवन एक बिसात

ये जीवन देखो एक बिसात है,
जिसमें शतरंज सी हर बात है।
फूँक फूँक कर कदम रखना है,
आती मुसीबत से भी बचना है।
कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे,
काट कर बातों को वो मेरे।
मुझ पर ही हावी हो जाए,
काम ऐसा कुछ कर जाए।
उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में,
शतरंज के फैले इस डेरे में।
शह-मात का चलन रहा है,
देख पानी सा रक्त बहा है।
युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर,
कभी नारी की इज्जत पर।
भाई-भाई में द्वेष बड़ा है,
देखो कैसे अधर्म अडा़ है।
खून के प्यासे दोनों भाई,
महाभारत की देते दुहाई।
प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है,
ये जीवन अब खेल हुआ है।
सभ्यता ही सब गई है मारी,
बुजुर्गों का जीवन ये भारी।
मिले नहीं सम्मान उन्हें अब,
संतानें ही विद्रोह करें जब।
कलियुग का ये प्रभाव सारा,
किसने किसको कैसे मारा।
संस्कारों की बलि चढ़ी है,
मुश्किल की ही ये घड़ी है।
होती है ये अनुभूती ऐसी,
शतरंज में दिखती है जैसी।
..........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry 

जीवन एक बिसात

ये जीवन देखो एक बिसात है,
जिसमें शतरंज सी हर बात है।
फूँक फूँक कर कदम रखना है,
आती मुसीबत से भी बचना है।
कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे,
काट कर बातों को वो मेरे।
मुझ पर ही हावी हो जाए,
काम ऐसा कुछ कर जाए।
उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में,
शतरंज के फैले इस डेरे में।
शह-मात का चलन रहा है,
देख पानी सा रक्त बहा है।
युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर,
कभी नारी की इज्जत पर।
भाई-भाई में द्वेष बड़ा है,
देखो कैसे अधर्म अडा़ है।
खून के प्यासे दोनों भाई,
महाभारत की देते दुहाई।
प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है,
ये जीवन अब खेल हुआ है।
सभ्यता ही सब गई है मारी,
बुजुर्गों का जीवन ये भारी।
मिले नहीं सम्मान उन्हें अब,
संतानें ही विद्रोह करें जब।
कलियुग का ये प्रभाव सारा,
किसने किसको कैसे मारा।
संस्कारों की बलि चढ़ी है,
मुश्किल की ही ये घड़ी है।
होती है ये अनुभूती ऐसी,
शतरंज में दिखती है जैसी।
..........................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  sana naaz Jeevan gamerz sunny saini Dil Ki Talash Neel gajbhiye   Santosh Narwar Aligarh Saurav life Praveen Ohlyan Neha verma Internet Jockey

#जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना है, आती मुसीबत से भी बचना है। कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे, काट कर बातों को वो मेरे। मुझ पर ही हावी हो जाए, काम ऐसा कुछ कर जाए। उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में, शतरंज के फैले इस डेरे में। शह-मात का चलन रहा है, देख पानी सा रक्त बहा है। युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर, कभी नारी की इज्जत पर। भाई-भाई में द्वेष बड़ा है, देखो कैसे अधर्म अडा़ है। खून के प्यासे दोनों भाई, महाभारत की देते दुहाई। प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है, ये जीवन अब खेल हुआ है। सभ्यता ही सब गई है मारी, बुजुर्गों का जीवन ये भारी। मिले नहीं सम्मान उन्हें अब, संतानें ही विद्रोह करें जब। कलियुग का ये प्रभाव सारा, किसने किसको कैसे मारा। संस्कारों की बलि चढ़ी है, मुश्किल की ही ये घड़ी है। होती है ये अनुभूती ऐसी, शतरंज में दिखती है जैसी। .......................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila sana naaz Jeevan gamerz sunny saini Dil Ki Talash Neel gajbhiye Santosh Narwar Aligarh Saurav life Praveen Ohlyan Neha verma Internet Jockey #Poetry

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Devesh Dixit

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको,
गले से यूँ तुझको लगाया है।
दर्द दिये हों कितने भी तुमने,
तुमसे ही तो प्यार जताया है।

जाना कहाँ अभी तुझको सबने,
झूठी माया से सब लिपट रहे।
प्रेम का देकर झाँसा सभी को,
सच्चाई से मुख को मोड़ रहे।

दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे,
रची बहुत है रचना ईश्वर ने।
छीने कब तुझसे वो ही जाने,
वही मौत से सबको मिला रहे।

अटल सत्य है ये कहते वो ही, 
इससे सभी तुम जो घबरा रहे।
मोह उससे अब छुड़ा के सबको,
वही पास में अपने बुला रहे।

देकर जिंदगी फिर से सभी को,
धरती पर उसको है भेज दिया।
जीवन देखो फिर उसको प्यारा,
जी भर कर ही तुमको प्यार दिया।

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको,
गले से यूँ तुझको लगाया है।
दर्द दिये हों कितने भी तुमने,
तुमसे ही तो प्यार जताया है।
..................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry 

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको,
गले से यूँ तुझको लगाया है।
दर्द दिये हों कितने भी तुमने,
तुमसे ही तो प्यार जताया है।

#देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। #Poetry #sandiprohila

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