ना ज़रूरत अब मुझे किसी चीज़ की ना चाह किसी सोने चांदी की देखा था ख़्वाब कई अब बस सब ओझल से होने लगे दर्द तो होता ही है मेरे अंदर किसी कोने में दिन यूहीं बीतते चले जाते है आंसू रोक से भी ना रुकते बहुत कोशिश की मैने खुद को संभालने को छोटे छोटे ख्वाब यूहीं टूटते चले गए जो ना मांगा खुदा से वो ही मिलते चले गए लेकिन शुक्रगुजार भी हूं उनकी की जीने को नई वज़ह देते चले गए। #जरूरत #Nojoto #nojotovoice #nojotovideo #hindi #poem