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मेरा दिल क्यों आज टूटा टूटा सा लगता है, मुझसे ही द

मेरा दिल क्यों आज टूटा टूटा सा लगता है,
मुझसे ही दिल खफा खफा सा लगता है। 

कोई नहीं दूर तलक कोई परछाई भी नहीं,
खो गया है कहीं जुदा जुदा सा लगता है। 

बात नहीं करनी किसी से बस खामोश है। 
सारे जहाँ से क्यों तन्हा तन्हा सा लगता है। 

मौत की तरफ दौड़ रहा धड़कन है यूँ बढ़ी,
जिंदगी तुझसे भी कटा कटा सा लगता है। 

क्यों सखी इक जलन से बढ़ रही है सीने में,
आग में किस ये जला जला सा लगता है। 

©सखी #जिंदगी #खफा #दिल #जलन
मेरा दिल क्यों आज टूटा टूटा सा लगता है,
मुझसे ही दिल खफा खफा सा लगता है। 

कोई नहीं दूर तलक कोई परछाई भी नहीं,
खो गया है कहीं जुदा जुदा सा लगता है। 

बात नहीं करनी किसी से बस खामोश है। 
सारे जहाँ से क्यों तन्हा तन्हा सा लगता है। 

मौत की तरफ दौड़ रहा धड़कन है यूँ बढ़ी,
जिंदगी तुझसे भी कटा कटा सा लगता है। 

क्यों सखी इक जलन से बढ़ रही है सीने में,
आग में किस ये जला जला सा लगता है। 

©सखी #जिंदगी #खफा #दिल #जलन