आज नई चप्पल खरीदी माँ को दिखाने चला आया पास जाकर देखा माँ को फूलों की चादर में लिपटा पाया झट से आँख खुली,सपना टूटा... खुशियों से खिला दिल पल मे फिर से रूठा माँ की तस्वीर को देखा दिल की बात सुनाई वही मीठी सी आवाज़ मेरे कानों में फिर से गुनगुनाई पल में झरोखा पुरानी यादों का खुल गया... उसकी यादों में खोकर मै अपनी सारी तनहाइयां भूल गया बचपन के वो दिन फिर से याद आए वो खिलखिलाती मुस्कान अपने साथ ले आए दूर कही से आवाज़ मुझे पुकारती जो आई हिलाकर मुझे मेरी आँखे खुलाई पल में लगा मानों मेरी साँसे थम गयी सामने उसे खड़ा देख हो मेरी आँखे नम गयी नज़र उठाकर देखी बीवी को सामने पाया माँ की यादों की नाव से मै झट से किनारे उतर आया ऐसा लगा मनो कोई ख्वाब चल रहा था उसी ख्वाब के रास्ते मेरा दिन ढल रहा था माँ तो चली गयी मगर उसकी यादे रह गयी आंसुओं के सहारे मेरी आँखों से बह गयी रब करे के माँ कभी अपनी औलाद से ना जुदा हो ये जहां बनाने वाला इतना ना निर्दयी खुदा हो ...इतना निर्दयी ना खुदा हो...... ©tanejashubham1996 चप्पल