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आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेख

आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था।
चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन।

मलते रह गए हाथ शिकारी... 
उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. 
अंतिम गोली ख़ुद को मारी ... 
जियो तिवारी जनेऊधारी

©Kavi Aditya Shukla आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था।

चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन।


मलते रह गए हाथ शिकारी... 

उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. 
आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था।
चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन।

मलते रह गए हाथ शिकारी... 
उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. 
अंतिम गोली ख़ुद को मारी ... 
जियो तिवारी जनेऊधारी

©Kavi Aditya Shukla आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था।

चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन।


मलते रह गए हाथ शिकारी... 

उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. 

आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था। चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन। मलते रह गए हाथ शिकारी...  उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी..  #कविता