इतनी जिम्मेंदारियां और दुश्वारियाँ कुछ जरूरी जरूरत की लाचारियां जिंदगी रोज की तेज रफ़्तार में मैं था थकने लगा और लाचार मैं साथ देगा तभी जबतलक चल रहे हो फिर जो पीछे हुए हाथ क्यूँ मल रहे हो। वक़्त के मारे इंसाँ का खुदा भी नहीँ। वक़्त किसी के लिए कभी रुका भी नही। वक़्त किसी के लिए कभी रुका भी नही। --------हर्षित #nojotopoetry#mojotokavita#shayari#kavya#gazal#hindipoetry कवि प्रसिद्ध