कुछ टूटे हुए कांच के टुकड़ो सा दिल , कुछ बिखरे हुए से अल्फ़ाज़ , हृदय के भीतर तक कचोटता, मरोड़ता दर्द , आँखों में काजल की तरह सजता हुआ इंतिजार , कभी भी हिज्र में बरस पड़ते आंसूं, एक शाख से अलग हुई डाली , एक सूखा बिखरा हुआ सा गुलाब , एक लम्हे में थमी हुई घडी , एक भावनाओं से भरी पर कुछ न कह सकने वाली एक डायरी, एक उलझी हुई सी रौशनी की लड़ी , एक कागजों में बिखरी हुई स्याही , एक सच दिखाता दर्पण , और चेहरे पर सजती एक बनावटी सी मुस्कान , sonamkuril हम्म.. इन सब को मिलाकर बनती हुई सी मैं, और मेरे यादों का एडिट बॉक्स . #editbox