काश देख लिया होता मैने तुम्हे ही इससे पहले जब मैंने पहली बार तुम्हे देखा था कदाचित नहीं था मालूम मेरी दृष्टि को क़ि कौनसे रूप कौनसे रंग मेरी प्रशंसा क़े पात्र बन पाएंगे और लावण्य की कौंनसी सीमा रेखा मेरे ह्रदय को उद्वेलित कर पाएगी लावण्या की सीमा रेखा