ये दुनिया की कैसी रीत हैं सबकी अपनी अदालतें हैं सबके अपने फैसले हैं मैं ताउम्र लड़ता रहा मुक़दमा कभी इस अदालत में कभी उस अदालत में जिंदगी हमने पेशियों में गुजारी किस किस से जिरह करते किस किस से अपना हाल कहते किसी ने न सजा दी ना किसी ने रिहाई दी हमने खुद को सजा दी सबकी अदालतों में खुद को कसूरवार बताया और उन्हें ताउम्र बेकसूर और वो रिहा होते रहे अपनी ही आदालतों में..! ©DrGovinda Dhurve #Court #Justice #Feeling #Thought #Nojotohindi #notojo #alone indira padma parte