प्रश्न सभी बेमानी है, जब नफ़रत फैलानी है, स्वार्थ सिद्ध करते सारे, बाकी कथा कहानी है, रूप से है बाज़ार सजा, जबकी दुनिया फानी है, खाली हाथ ही जाएगा, क्यों करता नादानी है, गया अकेला ही जग से, क्या राजा क्या रानी है, ख़ुशी तुम्हारे ही भीतर, इतनी बात बतानी है, लिखा है सारे ग्रंथों में, 'गुंजन' कथा पुरानी है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #प्रश्न सभी बेमानी है#