जैसे हिरण की कस्तूरी हिरण के अन्दर रहती है !
पर वो पूरा जंगल ढूढ़ती है !
ठीक उसी प्रकार मानुष की खुशियों की कस्तूरी मानुष के अन्दर रहती है !
पर वो दूसरों मै ढूढ़ते है !
Note :- अपनी खुशी अपने अंदर है ! अपनी खुशी के लियें दूसरों पर आश्रित ना हो !
#StoryOfHonesty